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लेखनी कहानी -09-Mar-2022 प्रतिलिपि हवेली में होली का हुरंगा

रोहित मिश्र "बेकल" जी चुहिया से जूझने लगे । उन्हें उम्मीद नहीं थी कि कोई उन जैसे सीधे सादे व्यक्ति के साथ भी "खेला" कर जायेगा । पर साहब, पिछले साल से इस देश की फिजाओं में बहुत शोर हो रहा है "खेला होबै , खेला होबै" । मगर शायद "बेकल" जी अपनी दुनिया में ही मस्त रहते हैं इसलिए उन्हें पता ही नहीं चला कि कौन उनके साथ खेला कर गया । 
बेचारी चुहिया ! वह सोच रही थी कि "रजिया गुंडों में फंस गई" वाली स्थति में आ गई है । वो तो शुक्र है कि वहां पर कोई PETA वाला नहीं था वरना एक छोटे से जानवर के साथ क्रूरता के आरोप में सीधा जेल भिजवा सकता था । वैसे इस देश में बड़ी विचित्र स्थिति है । जानवरों पर क्रूरता के मामलों में पैरवी करने वाले लोग चिकन , मटन की शानदार दावतें उड़ाते हैं और फिर भी पशु प्रेमी होने का दंभ पाले बैठे हैं । 

विडंबना देखिये कि हत्या के मामलों में कोई कार्यवाही नहीं हो पाती , बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज भी नहीं की जाती और पुलिस किसी नेता की चोरी गई भैंस ढूंढने आधी रात को भी निकल जाती है । निर्दोष प्रज्ञा जी वर्षों तक जेल में सड़ती रहीं और पुलिसिया दमन की शिकार होती रहीं जिस पर मी लॉर्ड्स का ध्यान नहीं जाता । मगर आतंकी के लिए आधी रात को न्याय के मंदिर के कपाट खुल जाते हैं । 

बेकल जी को इस दुविधा से बचाने के लिये हमें ही आगे आना पड़ा । हमने उस चुहिया को पकड़ा और बड़े प्यार के साथ हौले से फिर से जेब में रख लिया । वह बेचारी सहम कर हमारी जेब में ऐसे दुबक गई जैसे कोई अबोध बालिका स्कूल बस के शैतान ड्राइवर को देखकर अपनी मां की गोद में चिपक जाती है । 

इस घटना से शिल्पा मोदी जी चौंकी । कहने लगीं "मुझे तो यह चुहिया "हरि" सर की ही लग रही है । देखो कैसे चुपचाप उनकी जेब में दुबक गई है "। 

हम मन ही मन मुस्कुराये । अब उन्हें थोड़ी ना बताते कि हमारे पास तो कॉकरोच , झींगुर और केंकड़ा भी है । जब उन्हें छोड़ेंगे तब क्या होगा । 

बात.संभालते हुए कहा " हमें तो यह चुहिया प्रिया जी की तरफ से आती दिखाई दी थी । उनसे पूछो कि उन्होंने कहां छुपा रखी थी " ? 

इस बात से प्रिया जी एकदम से सकते में आ गई । उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हम ऐसे कहेंगे । 

कोई कुछ बोलता इससे पहले अचानक हेमलता गोडबोले मैम गुस्से में बोलीं " हरफनमौला , ये क्या हो रहा है " ? 

बिजली जैसी कड़कड़ाती आवाज सुनकर सब लोग स्तब्ध रह गए । सब लोगों को सांप सूंघ गया । मेरी तो घिग्घी बंध गई । आई ने कभी डांटा भी नहीं था आज तक । उनका यह रौद्र रूप कभी देखा नहीं था । हमें लगा कि रंग में भंग पड़ गया है । हम बगलें झांकने लगे । पूरी मंडली में हमारी इज्ज त का फलूदा हो रहा था ।  हम "आई" को जानते हैं । बिल्कुल बादाम जैसी हैं । ऊपर से सख्त मगर अंदर से कोमल । वैसे हर मां ऐसी ही होती है । सख्त दिखने वाली लेकिन मोम की तरह पिघलने वाली । 

उनकी आवाज सुनकर सन्नाटा छा गया । ऐसे लगा जैसे लकवा मार गया हो सभी को । हिम्मत करके हमने पूछा " कुछ गलती हो गई क्या आई" ? 

"गल्ती ! गलती क्या ब्लंडर हो गया हरफनमौला" । 

अब तो हमको भी लगने लगा कि हमसे अनजाने में कोई भूल हो गई है । जान बूझकर तो गलती हम कर नहीं सकते हैं । हो सकता है कि जोश में होश खो बैठे हों । प्रतिलिपि वाले कहते हैं कि हमारा ध्यान बस छमिया भाभी में ही रहता है । इसलिए अनन्या जी तो श्री को छमिया भाभी की तरफ देखने भी नहीं देती हैं । श्री ने एक दो बार कहा कि देखने में क्या हर्ज है ? मगर अनन्या जी तो अनन्या जी हैं "कह दिया सो कह दिया" । अब तो भगवान खुद आकर कुछ कर सकते हैं बाकी तो हैल्पलैस हैं । 

आजकल अनन्या जी की एक छोटी बहन और पैदा हो गई हैं । मतलब प्रतिलिपि पर । वे उनकी प्रतिलिपि बहन हो गई ना जैसे ज्योति जी हैं । बहुत ध्यान रखती हैं । नाम शिखा मिश्रा बताया । शायद उनकी मम्मी उनके बचपन में उनकी शिखा (चोटी) बनाते बनाते थक जाती होंगी मगर वह बन नहीं पाती थी । बाल खड़े के खड़े रहते थे । उनकी मम्मी मक्खन में मिसरी मिलाकर बालों में लेप लगाती तब जाकर चोटी बनती थी । इस चक्कर में वे इनको मिसरी वाली शिखा कहती थीं । शायद बाद में इसी कारण इनका नाम शिखा मिसरा पड़ गया हो । उनकी पहली संतान थीं । पहली संतान होने के कारण वे शिखा जी को बेटा बेटा कहतीं थीं । इसलिए मिसरी से मिसरा नाम पड़ गया । 

चूंकि यहां तो सभी साहित्यकार हैं तो सब इसकी मीमांसा में लग गये । विनय शास्त्री जी बहुत सम्मानित लेखक हैं । वे कहने लगे कि नहीं , इनके पापा बड़े गजल कार हैं । गजल में "मिसरा" का बड़ा रोल रहता है । उनकी भूलने कि आदत थी । याद रखने के लिए शिखा को मिसरा बोलने लगे । कालंतर में नाम ही शिखा मिश्रा पड़ गया । 

जब मिसरा / मिसरी पर डिबेट चलने लगी तो आई भौंचक्की रह गई । कोई उन्हें इतने हलके में कैसे ले सकता है ? उन्होंने जोर की सीटी बजाई । हथौड़ा वहां था नहीं तो और क्या बजाती ? यहां कहां "ऑर्डर ऑर्डर" चलता ? सीटी से काम चल गया । वैसे भी गुस्से और प्यार दोनों में ही "सीटी बज जाती है" । 
एक बार जोरदार दहाड़ मारी "शट अप" 
सब लोग थर थर कांपने लगे । ज्योति जी, विनीता जी , नर्गिस जी तो शीला मैम से चिपक गईं । वहीं से टुकुर टुकुर देखने लगी सबको । 

"सब चुप हो जाइये । अभी से ये हुड़दंग क्यों ? होली में अभी बहुत दिन हैं" । 

श्री को यकीन था कि आई उनकी बात का मान रखेंगी । आखिर उनकी लाडली बेटी के लाडले "कन्हैया" जो ठहरे । कड़ककर उन्हें वहीं रुकने को कह दिया । श्री का चेहरा उतर गया । श्री का चेहरा देखकर अनन्या जी भी रूंआसी हो गई । 

 वैसे बड़े बुजुर्ग ऐसे समय ही तो मार्गदर्शन करते हैं । सूर्यनारायण जी, विनय शास्त्री जी , दिवाशंकर जी ने आई को मनाने की कोशिश कीं ।  हमने भी आई के पास जाकर कहा "क्या गलती हो गई है हमसे, आई । बताइए तो सही" । 
"इतने बड़े अधिकारी हो , तुम्हें खुद पता होना चाहिए" । 

अंदरुनी मार मारने का यह सबसे बढिया तरीका है । गलती बताओ मत और डांट में कसर भी मत छोड़ो । वाह जी वाह । जब बात निकली है तो दूर तक जायेगी ही । इसलिए हमने करबद्ध होकर विनती की "हत्यारे को भी बताया तो जाता है कि तुमने यह अपराध किया है । उसकी बात भी सुनी जाती है । तो क्या हमें हमारा अपराध नहीं बताया जायेगा" ? 

"बताया जायेगा । अवश्य बताया जायेगा । यहीं बताया जायेगा और इसी वक्त बताया जायेगा" । आई के स्वर में कठोरता थी । चेहरे पे दृढता थी और आंखों में ज्वाला । इतना कठोर रूप पहले कभी नहीं देखा था आई का । लगता है कि उन्हें गहरी ठेस लगी थी । हम भी अपने स्वर को अत्यंत विनम्र रखते हुए बोले "हमें क्षमा करना आई जो कुछ त्रुटियां हुई उसके लिए । अब आप बताइए कि हमें क्या करना है" ? 

सबके फक्क से चेहरों को देखकर हेमलता मैम की जोर से हंसी फूट पड़ी । सब लोग अचम्भे से उन्हें देखने लगे । सबके मन में एक ही सवाल था "ये क्या हो रहा है ? कभी तोला, कभी माशा । ये कैसा है तमाशा । समझ ना आए ये भाषा । अब कौन मिटाये जिज्ञासा" ? 

उधर आई का हंसते हंसते बुरा हाल था । लगभग दोहरी हो गई थीं वे हंसते हंसते । अविश्वसनीय घटना घट रही थी । उन्हें इस तरह हंसते देख सब लोगों के चेहरों से तनाव हट गया । लग रहा था कि बला टल गई है । अब अनन्या जी आगे बढ़ी । आखिर बेटी जो ठहरी । 
"ये क्या है मां" ? 
"कुछ नहीं" । वे हंसते हंसते बोली "पहले यह बता कि मेरी ऐक्टिंग कैसी रही" ? 
"ऐक्टिंग "? सबके मुंह से एक साथ निकला । "तो क्या ये सब महज ऐक्टिंग थी" ? 
"हां , विशुद्ध ऐक्टिंग थी । आपको सच लगी" ? 

अब पुष्पलता मैम , अलका माथुर मैम, शीला मैम और रीता गुप्ता मैम सब पिल पड़ी उन पर "आपने तो हमारी जान ही निकाल दी थी दीदी । ऐसा गुस्सा हमने कभी नहीं देखा आपका । और इस तरह से हंसते हुए भी नहीं देखा कभी । क्या है ये सब ? कहीं भांग वांग तो नहीं चढ़ा ली है आपने" ? 
"अरे नहीं रे बाबा ! मुझे क्या जरूरत है भांग की । मैं तो बिना भांग के ही सब कुछ कर सकती हूं । पहले ये  ये बताओ कि मेरी ऐक्टिंग पसंद आई या नहीं" ? 

अब शिल्पा मोदी जी, नीलम जी, प्रिया जी, डॉक्टर मिश्रा जी , सुनंदा जी, सुषमा जी, शशिकला जी, कोमल जी ने उन्हें घेर लिया । कहने लगीं "ये तो हमें पता था कि आप बहुत अच्छी लेखिका, गायिका हो । पर ये आज ही पता चला कि आप तो बहुत ऊंचे दर्जे की अदाकारा भी हो । वाउ ! आज आपका यह एक नया ही रूप देखा है हमने । 

अपनी ऐक्टिंग की प्रशंसा सुनकर वे जमीन से दो इंच ऊपर उठ गयीं । कहने लगीं "अभी देखा ही क्या है आपने मेरा ? मैं मीना कुमारी की गुरु रही हूं । वो तो मैं बॉलीवुड में गई नहीं , वरना सुपर स्टार होती आज" । उनका चेहरा गर्व से दमकने लगा । हमें तो पता था कि कुछ न कुछ तो लोचा है । हम आई को अच्छी तरह जानते हैं । इस उम्र में भी बचपना अभी जिंदा है । जोश , स्फूर्ति युवाओं से बेहतर । ज्ञान की तो खान हैं । 

हंसते हंसते कहने लगीं "प्रतिलिपि हवेली में रखी है ना धमाल पार्टी ? फिर यहां धमाल क्यों मचा रहे हो ? चलो , जिनके कपड़े खराब हो गए हैं वे फिर से नये कपड़े पहनकर आयें । सब लोग एकसाथ हवेली में चलेंगे । तब तक अपनेश जी अपनी टीम (शिल्पा जी, प्रिया जी, नीलम जी और शिखा जी) को लेकर जाओ । हवेली को दुल्हन की तरह सजाओ । फिर हम सब लोग आते हैं" । इतने में बबीता सोनी जी भी आ गई । उन्हें भी सजावट टीम में शामिल कर लिया । 

शेष अगले अंक में 

सभी लोग कमेंट में बताएं कि किस तरह सजाएं हवेली को ? 
🙏🙏


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6 Comments

Abhinav ji

14-Mar-2022 10:46 AM

Nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

14-Mar-2022 04:10 PM

💐💐🙏🙏

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Punam verma

14-Mar-2022 09:06 AM

Nice very nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

14-Mar-2022 04:09 PM

💐💐🙏🙏

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Lotus🙂

14-Mar-2022 01:31 AM

Hm kab ayege 🙇🙇🙇

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Hari Shanker Goyal "Hari"

14-Mar-2022 01:46 AM

ये प्रतिलिपि साथियों के साथ है । 😊😊😊

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